Saturday, October 9, 2010

अब ना कहूँगा

अब ना कहूँगा
प्यार की   बाते
अब ना कहूँगा
हंसी की बाते
अब ना कहूँगा
ख़ुशी कीबाते
अब ना कहूँगा
गर्व की बाते
अब ना कहूँगा
जलन की बाते
अब ना कहूँगा
फर्ज की बाते
अब ना कहूँगा
कर्त्तव्य की बाते
अब ना कहूँगा
क्रोध की बाते
बातो का अब कोई मतलब नहीं
चुप रहना सीख रहा हूँ
दुनिया में रहना सीख रहा हूँ

Monday, October 4, 2010

सब कुछ अच्छा ही हुआ

सरकारी नौकरी में कभी कभी डर भी लगता है. ३० तारिख को वाकई एक ऐसा दिन था जब हर कोई सोच में पड़ा था कि क्या होगा . लेकिन एक सकारात्मक बात थी कि हर किसी को सिर्फ फैसले का इन्तजार था . कोई दावा नहीं कर रहा था कि यह फैसला होगा . लोगो को किस तरह पलटना आता है यह भी दिखाई दिया . कई लोग २४ के फैसले को जुम्मे में मुस्लिम के तरफ होना बता रहे थे वही ३० को गुरुवार होने से हिन्दुओ कि ओर जाने कि बात करने लगे . आखिर फैसला आ ही गया और all is well  ही रहा . भारत के लोकतंत्र ने दुनिया को दिखा दिया कि यहाँ जज्बातों से भी महत्व पूर्ण मुद्दे होते है . एक कोर्ट के निर्णय से पूरा भारत हिल जाये  अब वो हालत नहीं रहे . वाकई भारत एक सुपर पॉवर बन रहा है. राष्ट्र मंडल खेल भारत में होने है और पुरे विश्व ने जान लिया कि ये देश अब हिंसा के खेल के लिए नहीं सच्चे खेलो के लिए तय्यारी कर रहा है . खेलो में भी अब भारत तेजी से तर्रक्की कर रहा है . लोग ये देख रहे है कि ये देश सिर्फ सपेरो का देश नहीं रहा है . इस देश से अब अमेरिका भी घबराता है .