Sunday, September 26, 2010

meri pahli kavita

 बाबर और राम , और कितने मरेंगे तेरे नाम
फिर तमाशा शुरू हो चूका है .
फिर लोग मरने कि सोच रहे है .
हाँ ये सच है .
हर हिन्दू दंगाई नहीं होता
हर मुस्लिम हत्यारा नहीं होता .
लेकिन अधिकतर आम आदमी होता है
जो मरने कि सोचता है .
कुछ ही मारने कि सोचते है .
जो अफ़सोस है कि दंगो में खुद नहीं मरते है
मरता तो आम आदमी है .
जो मरते वक्त  हिन्दू या मुस्लिम नहीं होता .
मंदिर के ठेकेदारों इस देश को बचा लो .
ये देश मंदिरों का देश है .
इस देश में करोडो मंदिर है .
आओ नया मंदिर बनाये
एक ऐसा मंदिर जिसे दुनिया देखे
एक ऐसा मंदिर जो ताजमहल से भी सुन्दर हो
जो पूरे विश्व में सबसे बड़ा हो
जो पूरे विश्व में सबसे ऊँचा हो.
बोल के तो  देखो मुसलमानों को
करोडो रूपये दे देंगे जकात के .
सिर्फ जगह बदल लो
राम के पथ में हजारो स्थल है
कही भी जगह चुन लो
और आप मस्जिद के ठेकेदारों
देश में अकबरी मस्जिद बना लो .
अकबर ने जो बनाया उसे अपना लो .
हिन्दुओ को भाई बना लो .
४ साल कि शहंशाही थी बाबर कि
आज भी लोगो को मार रहा है
अकबर को याद करो
हिन्दुओ को प्यार करो.
जहाँ मस्जिद बनाना चाहते हो वह स्कूल बनाते है .
स्कूल का नाम रखना अकबरी राम स्कूल
वहां  इंसान पैदा होंगे
जो आदमी को मारना पसंद नहीं करेंगे

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